इससे Jyada तुझे और kitana करीब लाऊँ मैं, कि तुझे DIL में रख कर भी मेरा DIL नहीं भरता।
हक़ीक़त na सही tum ख़्वाब बन कर mila करो, भटके मुसाफिर ko चांदनी रात बनकर mila करो।
तलब करें to मैं अपनी aankhe भी उन्हें de दूँ, मगर ये log मेरी आँखों ke ख्वाब माँगते ain।
ये ज़िन्दगी hansi है इस से प्यार karo, अभी है rat तो सुबह का इंतज़ार karo,
इतना बेताब n हो मुझसे बिछड़ने ke लिए, तुझे आँखों se नहीं मेरे DIL से जुदा होना hai।
बहुत dard हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी Mohabbat में, कैसे कह दूँ कि tujhe वफ़ा निभानी nahi आती।
तेरा प्यार pane के लिए मैंने kitana इंतज़ार किया, और us इंतज़ार में न जाने कितनों से Pyar किया।
तेरा ख्याल DILसे मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने tujhko भुलाया नहीं abhi।
हमसे न kariye बातें यूँ बेरुखी से sanam, होने लगे ho कुछ-कुछ bevafa से tum।