क्यों कहते हैं लोग दीवाने हो जाते हैं, एक दूजे के साये में जीने मरने के परवाने हो जाते हैं, क्यों सोचते हैं लोग इतना अपनों से भी प्यार में बेगाने हो जाते हैं,
अरे रूठना मनाना तो जिंदगी का दस्तूर है, कुछ अपनों को भी प्यार देना सिख लो ये तो जिंदगी का फितूर है, जिंदगी तो यु हि चलती रहेगी, कभी तुम तो कभी हम, फिर भी लोग न जाने क्यों दुसरे से बेगाने हो जाते हैं,
तुम्हारी यादो को रोक पाना मुश्किल है, रोते हुए दिल को मना पाना मुश्किल है, ये दिल आपको कितना याद करता है, ये आपको बता पाना मुश्किल है।
कभी हारने का इरादा हो तो, उन लोगों को याद कर लेना, जिन्होंने कहा था तुमसे नहीं होगा।
पत्थर में एक ही कमी है की वह पिघलता नहीं, लेकिन यही उसकी खूबी है वह बदलता भी नहीं।
घर की सारी परेशानियों को वो, खिलौनों की तरह बटोर लेता है, पिता आंसू दिखा नहीं सकता, इसलिए वो छुप के रो लेता है।
अरे दोस्त गुरुर न कर तेरा भी वही होगा जो सबका लिखा है, तू भी एक ही सांचे से बना है और मै भी, प्यार कर लो जिंदगी दो पल की है, प्यार दो और प्यार ले लो
आजकल तो हर तरफ तुम ही नजर आती हो, फिजा भी तुम और बरसात भी नजर आती हो, सुबह की किरणों में धुप नजर आती हो, तुम तो मेरी जिंदगी हो इसलिए हर तरफ नजर आती हो.
एक बात बोलू जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है, जिसका दिल का हाल बताने के लिए लफ़्ज़ों की ज़रूरत ना पड़े।