कहते हैं ना की अगर किसी चीज को ठान ली जाये और सच में दिल से उसको पूरी करने की प्रतिज्ञा कर ली जाये तो कुछ भी मुमकिन नहिन्नाही है. इसी तरह ऐसे इन्सान जो “Chhotu dada” के नाम से मशुर हैं. एक छोटे से गाँव में एक व्यक्ति का जन्म हुआ. आगे किसी को कल्पना नहीं थी की वो आगे छोटा ही रहेगा कद से.
छोटू दादा ki story
उस वक्ती का नाम जग्गू था कद से बहुत ही छोटा इसलिए लोग उसे Chhotu dada कहने लगे. जग्गू पड़ने में भी काफी आचा और कुसल था लेकिन उसके छोटे कट की वजह से बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता था. धीरे धीरे उम्र भी बड गयी परिवार का बोझ भी ऊपर आ गया. घर का खर्चा चलाना मुस्किल हो गया.
Chhotu dada नौकरी की तलास में
तब जग्गू ने सोचा क्यों न मुबई जा के वही कुछ कम धुंद के कर लू. जग्गू मुंबई चला गया. वहा भी नौकरी जल्दी नहीं मिल रही थी. छोटा मोटा कम मिलता उससे खुद का खर्चा भी नहीं चल पाता. काफी दिन हो गए. जग्गू को रहने के लिए कमरे भी नहीं थे क्योकि कमरे के पैसे देने तक उसके पास पैसे नहीं थे. कभी रोड के किनारे सो लेता तो कभी स्टेशन पे. ऐसे ही दिन कट रहे थे.
रात को रोड के किनारे सोया हुआ था तभी कुछ दुरी पे काफी भीड़ नजर आई वो वहा भीड़ को देखने के लिए चल देता है. जब जाके वहा देखता है तो वहा किसी बॉलीवुड मूवी की शूटिंग चल रही होती है. वो वाही खड़े होके के देखने लगता है. भीड़ में सबसे आगे की तरफ जाके खड़ा हो जाता है. कुछ टाइम बीतता है और वो वापस घर अपने गाँव जाने के बारे में सोचने लगता है. तभी जो शूटिंग करते रहते हैं उसमे से एक आदमी उसके आगे आके बोलता है फिल्म में कम करोगे तुमरे लिए एक रोल देंगे करने को. तब जग्गू बोलता है साहब क्यों मजाक कर रहे हो.
छोटू दादा को फिल्म में काम करने का ऑफर
मुझे एक्टिंग वेक्टिंग नहीं आती मई तो एक गाँव का बहुत ही गरीब घर का आदमी हूँ लोग मुझे बौना बोलते हैं और मुझे कम भी नहीं मिलता. उस आदमी ने बोला इसी कद के वजह से तो तुम ऑफर दे रहा हूँ.जग्गू बहुत खुश होता है उसे विस्वास ही नहीं होता है की सच में उसे फिल्म में करने का मौका मिल रहा है वो आदमी उसे डायरेक्टर के पास ले जाता है.
डायरेक्टर बोलता है कम करोगे मेरी फिल्म में. जग्गू बोलता है साहब जो भी बोलो मई करूँगा बस मुझे कम चाहिए. तभी डायरेक्टर बोलता है तुम्हे एक्टिंग आती है. जग्गू बोलता है नहीं. डायरेक्टर बोलता है एक्टिंग बस same होती है जो हम अपने दैनिक जीवन में क्रियाओं को करते हैं. बस अंतर ये होता है की हम जीवन में सब रियल करते हैं इसमे उसी को एक किरदार के रूप में थोडा बना के करते हैं.
डायरेक्टर जग्गू को डायलॉग देता है याद करने को. कुछ देर बाद जग्गू की पारी आती है और कुछ समय की पार्ट उसका मूवी के लिए शूट हो जाता है. डायरेक्टर उसको बहुत साबसी देता है. और १०००० रुपये भी देता है. जग्गू एकबार में इतने पैसे पहलीबार देखता है. एक दूसरा आदमी आता है और बोलता है साहब तुमसे बहुत खुश हैं उन्होंने ने नो. दिया है टच में रहना तुमरे लिए और काम होगा तो बुलायेंगे.
जग्गू जिस फिल्म में कम किये रहता है उसमे Chhotu dada के नाम से रोल मिला रहता है. वो घर पे फ़ोन करके के सबको बताता है अपने दोस्तों को भी बताता है लेकिन सब उसका मजाक उड़ाते हैं. कुछ दिन बाद उसकी फिल्म रिलीज़ हो जाती है और वो फिल्म काफी हित होती है.
छोटू दादा की फिल्म हिट हो जाती है
तभी कुछ दिन बाद जग्गू दिए हुए नंबर पे कॉल करता है. तब सामने से डायरेक्टर का अस्सिस्टेंट फ़ोन उठाता है और बोलता है डायरेक्टर साहब तुमको बहुत दिनों से कांटेक्ट करने की कोसिस कर रहे थे, फिल्म में तुम्हारा रोल लोगो को काफी पसंद आया. और वो डायरेक्टर से मिलने जाता है. डायरेक्टर ने जग्गू को Chhotu dada के नाम से उसको ३ फिल्मो में काम करने का ऑफर दिया और कम करने के बदले हर फिल्म का १ लाख रूपया भी. जग्गू को ये सब उसकी आँखों पे विस्वास नहीं हो रहा था.
Chhotu dada को और भी फिल्मों का ऑफर
जिस इन्सान को लोग छोटा कहके काम नहीं दे रहे थे उसे उसी छोटेपन की वजह से इतना बड़ा कम मिल रहा है. जग्गू यानि Chhotu dada की कई फिल्मे हित हो जाती हैं कुछ फिल्मों में तो main रोल के तौर पे काम करने का मौका मिलता है. Chhotu dada कम समय में ही बहुत आमिर बन जाता है सब अपने मेहनत के दम पर. जग्गू अब अपने गाँव जाने की सोचता है.
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जग्गू अपने लिए एक मेनेजर और असिस्टेंट भी रख लेता है. जग्गू अपने गाँव जाता है गाँव जाते ही जग्गू को देखने के लिए हजारों लोग इकठ्ठा हो जाते हैं. हर कोई जग्गू से एक बार बात करने की कोसिस करना चाहते है. जो दोस्त उसका मजाक उड़ाते थे आज वही उससे मिलाने के लिए बेक़रार थे. जग्गू को ये सब देख के उसके आँखों में अंशु आ गए. उसे विस्वास नहीं हो रहा था की वो इतना बड़ा स्टार हो गया है. की लोग उसे देखने को बेकार हैं.
Chhotu dada एक फिल्मो में बड़े स्टार बन जाते हैं
जग्गू पे एक कहावत सटीक बैठती है “देनेवाला जब भी देता देता छप्पर फाड़ के”. हालाँकि ये बात भी सही है की बिना मेहनत किये कुछ नहीं मिल सकता. मुझे उम्मीद है Chhotu dada की कहानी जरुर पसंद आई होगी. हम अपने इस ब्लॉग वेबसाइट पे मत्वपूर्ण जानकारियां, नयी नयी कहानियां, सरकारी योजनाओं, शायरी और भी बहुत तरह के मनोरंजक और जानकारी भरे ब्लॉग अपपने वेबसाइट के माध्यम से निरंतर लेट रहते हैं. हमसे हमेसा जुड़े रहने के लिए सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.